डाक्टर दवाई लिखने तक ही सीमित नहीं रहें। डाक्टरों को अपने क्षेत्र में मैनेजर और लीडर भी बनना चाहिए। अटल विहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के महानिदेशक श्री आर. परशुराम ने चिकित्सा अधिकारियों के लिये लोक स्वास्थ्य प्रबंधन पर सर्टिफिकेट कोर्स के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही। यह 90 दिन का कोर्स इंडियन इंस्ट्रीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (पीएचएफआई) के सहयोग से चलाया जा रहा है।
श्री परशुराम ने कहा कि प्रदेश में गुड गवर्नेंस लाने के लिये स्किल अपग्रेडेशन जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सकों को स्वास्थ्य सूचकांक बेहतर करने के लिये मिलकर प्रयास करना होगा।
ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और ट्रेनर होंगे अपडेट
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल ने कहा कि डाक्टरों को नवीनतम तकनीकों से अवगत कराने के लिये ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और ट्रेनर्स को अपडेट रखने का कार्यक्रम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण डाक्टरों को नई दिशा देगा। श्रीमती गोविल ने कहा कि चिकित्सकीय कार्य गवर्नमेंट सर्विस से ज्यादा पब्लिक सर्विस है। उन्होंने बताया कि डाक्टरों में कम्पटीशन से अधिक पूर्णता का भाव रहता है, जो प्रोफेशन के लिये ठीक नहीं है। मुख्य सलाहकार श्री एम.एम. उपाध्याय ने कोर्स की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी।
पीएचएफआई की श्रीमती लिपिका नंदा ने कहा कि कोर्स थ्योरेटिकल के स्थान पर प्रेक्टिकल होगा। हर सत्र का फीडबैक लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सत्र के बाद भी प्रशिक्षणार्थी अपने डाउट क्लियर कर सकते हैं।
इस मौके पर संस्थान के न्यूज लेटर का विमोचन किया गया। आयुक्त स्वास्थ्य श्री प्रतीक हजेला भी उपस्थित थे।